छत्तीसगढ

वैक्सीनेशन की दूसरी डोज के 2 सप्ताह बाद ही एंटीबाडी विकसित होती है इसलिए सावधानी जरूरी: प्रनीत फटाले

रायपुर, 11 मार्च। प्रदेश में कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत अब तक लगभग 90 प्रतिशत हेल्थ केयर वर्कर एवं 78 प्रतिशत फ्रंट लाइन वर्करों ने प्रथम डोज लगवाई है। वहीं 51 प्रतिशत हेल्थ केयर वर्कर ने द्धितीय डोज ले ली है। द्वितीय चरण में 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और 45 से 59 वर्ष के जो कुछ गंभीर चिह्नकित बीमारियों से पीड़ित हैं, 1लाख 79 हजार से अधिक लोगों ने वैक्सीन लगवाई है।
वल्र्ड हेल्थ आर्गंनाइजेशन के स्टेट टीम लीडर प्रनीत फटाले ने बताया कि जिनका कोविड टीकाकरण किया जा चुका है उन्हें भी कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन आवश्यक रूप से करना है क्योंकि लापरवाही घातक साबित हो सकती है। उन्होने कहा कि टीकाकरण के प्रथम डोज के उपरांत द्वितीय डोज 28 दिनों के बाद लेना है । दोनों ही डोज लग जाने के 15 दिनों के बाद ही शरीर में एन्टीबॉडी डेवलप होती है। अतः इस बीच और उसके बाद भी ’कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर’ का पालन किया जाना जरूरी है।
श्री फटाले ने कहा कि राज्य में कोविड 19 के संक्रमण की रफ्तार कम नही हुई है। इसलिए अभी भी ’कोविड अप्रोप्रिएट बिहेवियर’ मास्क ठीक तरह से पहनना, आपस में दो गज की दूरी बनाए रखना और साबुन व साफ पानी से समय समय पर अपने हाथ धोना, इन तीन नियमों का पालन अभी भी आवश्यक है। ये उपाय अपना कर हम खुद को और अपने परिवार को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होने कहा कि लोगों को यह भी ध्यान रखना होगा कि सर्दी, खांसी, बुखार, थकान, दस्त लगना भूख न लगना, गंध न आना आदि लक्षण होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें व कोरोना की जांच अवश्य कराएं। अभी सावधानी बरतने में ही सुरक्षा है।

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