स्कूली बच्चों को मिलेगा 45 दिन का सूखा राशन, जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश
रायपुर, 26 जुलाई। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य के सभी स्कूली बच्चों को कोरोना वायरस के संक्रमण काल में स्कूलों के बंद रहने की अवधि में बच्चों को मध्यान्ह भोजन योजना के अंतर्गत सूखा राशन का वितरण किया जा रहा है। सूखा राशन का वितरण बच्चों के पालकों को स्कूलों में बुलाकर या घर-घर पहुंचाकर दिया जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि राज्य शासन के निर्णय अनुसार स्कूली बच्चों को स्कूल बंद रहने की अवधि 16 जून से 10 अगस्त तक 45 दिवस का मध्यान्ह भोजन योजना अंतर्गत सूखा राशन का वितरण किया जाएगा। इस संबंध में संचालक लोक शिक्षण श्री जितेन्द्र शुक्ला ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
लोक शिक्षण संचालनालय से जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण काल में स्कूल बंद रहने की अवधि में बच्चों को मध्यान्ह भोजन अंतर्गत गरम पका भोजन नहीं दिया जा सकता। खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में बच्चों को सूखा चावल एवं कुकिंग कास्ट की राशि से अन्य आवश्यक सामग्री दाल, तेल, सूखी सब्जी इत्यादि वितरित की जानी है। मध्यान्ह भोजन योजना की गाईडलाईन के अनुसार कक्षा पहली से 8वीं तक के उन बच्चों को जिनका नाम शासकीय शाला, अनुदान प्राप्त अशासकीय शाला अथवा मदरसा-मकतब में दर्ज है, उन्हें मध्यान्ह भोजन दिया जाना है। कक्षा पहली और कक्षा 6वीं में जिन बच्चों का नाम दर्ज हो गया है केवल उन्हीं बच्चों को सूखा राशन वितरण किया जाना है। सूखा राशन सामग्री का वितरण सुविधानुसार शाला में अथवा घर-घर पहुंचाकर दिया जाए। सूखा राशन वितरण में बच्चों को चावल, दाल एवं तेल की भारत सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा से कम नहीं होनी चाहिए। सूखा राशन वितरण में खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता और उसकी निर्धारित मात्रा का विशेष ध्यान रखा जाए।
शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राथमिक स्कूलों में 45 दिनों के लिए प्रति छात्र चावल 4500 ग्राम, दाल 900 ग्राम, अचार 300 ग्राम, सोया बड़ी 450 ग्राम, तेल 225 ग्राम और नमक 250 ग्राम प्रदाय किया जाना है। इसी प्रकार माध्यमिक स्कूलों में 45 दिनों के लिए प्रति छात्र चावल 6750 ग्राम, दाल 1350 ग्राम, आचार 450 ग्राम, सोयाबड़ी 675 ग्राम, तेल 350 ग्राम और नमक 375 ग्राम प्रदाय किया जाना है। स्कूलों के लिए चावल पूर्व की तरह ही उचित मूल्य की दुकान के माध्यम से प्रदाय किया जाएगा।
संचालक लोक शिक्षण द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण काल को ध्यान में रखते हुए निर्धारित सूखी सामग्री का वितरण सुनिश्चित कराएं।