परिवर्तन की बेला है, राष्ट्र नवनिर्माण में अहम भूमिका अदा कर सकते है कवि: बृजमोहन
● अग्रोहा धाम में आयोजित हुआ राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का अष्टम राष्ट्रीय अधिवेशन।
● तीन दिवसीय कवि सम्मेलन में देशभर के कवियों ने की शिरकत।
रायपुर। सक्षम और सशक्त नेतृत्व की बदौलत आज देश में राष्ट्रवाद की अलख जगी है। परिवर्तन की इस बेला में जन-जन में उत्साह का संचार हो रहा है। हम यह कह सकते हैं कि भारतवर्ष के लिए यह एक नया सवेरा है। ऐसे समय में राष्ट्र जागरण में कवियों की भागीदारी जरूरी हो जाती है। वे कविता के माध्यम से राष्ट्र में हो रहे सकारात्मक परिवर्तनों को आम भारतीय तक पहुंचाकर राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका अदा कर सकते हैं। यह बात वरिष्ठ भाजपा नेता एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने अग्रोहा धाम में आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के अष्टम राष्ट्रीय अधिवेशन में कही। 3 जनवरी से प्रारंभ किस अधिवेशन में देशभर के कवियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों में संस्कृति मंत्री रहने का सौभाग्य उन्हें मिला है। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कवि सम्मेलनों का आयोजन कराकर नवोदित कवियों को मंच प्रदान कराने का प्रयास किया था।
बृजमोहन ने कहा कि कविता हमारी भाषा को और समृद्ध बनाती है। कविता का प्रभाव ऐसा रहता है कि बाते सीधे हृदय में उतरती है। राष्ट्रीय कवि संगम के इस आयोजन में विश्व हिंदू परिषद के अंतराष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रमेश भाई मोदी,वीर रस के प्रख्यात कवि हरिओम पवार, हास्य कवि डॉ. सुरेंद्र दुबे,जगदीश मित्तल,रितेश गोयल आदि उपस्थित थे।