कांग्रेस मना रही है किसानों के आत्महत्या का जलसा : बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर, 17 दिसम्बर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज प्रदेश सरकार के 2 वर्ष पूर्व होने एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि गंभीर व शांत छत्तीसगढ़ में 2 साल में शराब माफिया, रेत माफिया, खनिज माफिया, कोयला माफिया, कबाड़ माफिया, जमीन माफिया, टेंडर माफिया, पैदा हो गए है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगो को, बेरोजगारों को, ठेकेदारों को काम नही मिल रहा है और बाहर के ये सब माफिया छत्तीसगढ़ आकर काम कर रहे है
श्री अग्रवाल ने कहा कि 2 साल में एक भी बेरोजगारों को रोजगार नही बल्कि चयनित लोगो को नियुक्ति पत्र नही मिल पा रही है। चयनित लोग इधर-उधर भटक रहे है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि सबसे ज्यादा बलात्कार व महिला अपराध छत्तीसगढ़ में घटित हो रहे है। दूसरे तरफ बलात्कारी को बचाने पुलिस पैसा लेती है, पुलिस आदिवासी बालाओ के अपराधी को बचाने सौदा कर रही है ।
श्री अग्रवाल ने कहा कि 15 माह बाद किसानों को उनके धान का पूरा पैसा नही मिला है। इस वर्ष का धान का पैसा कब मिलेगा? भूपेश सरकार के राज में 7.5 लाख आवास गरीबो के प्रधानमंत्री आवास बनने थे, राज्य सरकार बना नही पा रही है। गरीबों लिए मिले 5.5 लाख प्रधानमंत्री आवास पैसे के कमी की कमी बताकर भूपेश सरकार नही बना रहे है।
श्री अग्रवाल ने कहा है संविदा, दैनिक वेतनभोगी, कांट्रेक्ट कर्मचारियों को नियमित करने के बजाय उसे काम से निकाला जा रहा है। शासकीय कर्मचारियों को सम्मान की बात तो दूर उन्हें उनका हक ग्रेच्युटी वेतनवृद्धि, अवकाश, आवास का लाभ भी 2 साल में नही दे पाई जिनका वादा चुनाव घोषणा पत्र में किया था ।
श्री अग्रवाल ने कहा कि सर्व वृद्धा पेंशन के 1000 एवं 1500 व सर्व महिला विधवा पेंशन के 1000 रुपये आज 2 साल बाद भी ये सरकार नही दे पा रही है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि शराबबंदी के बजाय छत्तीसगढ़ के गली गली, गांव-गांव सरकार के संरक्षण में अन्य राज्यों से आकर अवैध शराब बिक रही है। छत्तीसगढ़ में ड्रग्स माफिया, गांजा माफिया सब हावी हो गए है ।
श्री अग्रवाल ने कहा कि 200 फूडपार्क का वादा कर 2 साल में 1 भी फूडपार्क नही बना पाई है। नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी की योजना पूरी तरह फैल हो गई है। एक नरवा बना नही, गायो की हत्या गौठान में हो रही है। गौठानो के सरपंचों को भुगतान नही मिला है। सरपंच दर-दर भटक रहे है। बॉस बल्ली से बने गौठान हवा में उड़ गए है। श्रम विभाग की योजनाएं बंद पड़ी है।
300 करोड़ रुपये इस योजनाओ का जमा है।
2 साल में नवजवान, किसान, मजदूर, महिलाएं सब परेशान है।