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किसान आंदोलन में पड़ी दरार: निहंगों ने बुलाई महापंचायत, किसानों के खिलाफ हो सकता है बड़ा फैसला

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर। नए कृषि कानून को रद करने के लिए लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन से बड़ी खबर आ रही है। किसानों के आंदोलन में बड़ी दरार पड़ती दिख रही है। इसका कारण है निहंगों के द्वारा बुलाई जा रही महापंचायत। किसान आंदोलन से मिल रही ताजा अपडेट के अनुसार निहंगों ने 27 अक्टूबर को महापंचायत बुलाई है।

महापंचायत में हो सकता है बड़ा निर्णय

कुंडली बार्डर पर युवक की बर्बर हत्या के बाद अब निहंगों ने धरनास्थल से वापस लौटने या रुकने को लेकर बहुमत के आधार पर निर्णय करने की तैयारी की है। इसके लिए निहंगों ने जनमत संग्रह करवाने का फैसला लिया है। निहंग 27 अक्टूबर को कुंडली बार्डर पर महापंचायत करेंगे। इसको धार्मिक एकता नाम दिया गया है। इस बैठक में जनमत संग्रह के आधार पर फैसला लिया जाएगा कि उन्हें कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन से वापस जाना चाहिए या नहीं। वहीं पुलिस कार्रवाई पर भी मंथन किया जाएगा।

महापंचायत में हरियाणा एवं पंजाब से आ रहे निहंग

निहंग बाबा राजा राम सिंह का कहना है कि वह कुंडली बार्डर पर वह किसानों की हिफाजत करने के लिए बैठे हैं। हमेशा से वह प्रदर्शनों में किसानों व सिखों की हिफाजत करते आए हैं। अब 27 अक्टूबर को होने वाली महापंचायत में सिख कौम के बुद्धिजीविओं के अलावा संगत भी शामिल होगी। इसमें हरियाणा व पंजाब के निहंग शामिल होंगे। यहां पर महापंचायत में निहंग जो फैसला लेंगे, उसे पूरी संगत मानेगी।

हम खुलेआम स्वीकार करने वालों में

वहीं, निहंग बाबा राजाराम सिंह ने कहा कि हम भागने वालों में से नहीं हैं। जो हमने किया है, उसे खुलेआम स्वीकार कर रहे हैं। अदालत में हमारे साथियों ने स्वीकार किया है कि हमने ही हत्या की है। हमने खुद ही पुलिस के सामने सरेंडर किया है।

निशाने पर रहे एसकेएम के नेता योगेंद्र यादव

इसके साथ ही उन्होंने एसकेएम नेता योगेंद्र यादव पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि योगेंद्र यादव को एसकेएम ने सिर चढ़ा रखा है। वह भाजपा व आरएसएस का बंदा है। उनके सामने आकर जवाब देकर दिखाएं। संयुक्त किसान मोर्चा ने बिना पूरा मामला जाने खुद को ऐसे अलग कर लिया, जैसे निहंग अपराधी हों। पुलिस ने धर्म के मामले को समझे बिना कार्रवाई शुरू कर दी है। हम न तो धर्म के साथ बेअदबी बर्दाश्त करेंगे और न ही किसी का मनमाना दखल। इन सभी मुद्दों पर 27 को फैसला होगा। संगत फैसला करेगी तो निहंग वापस चले जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा सोच ले, निहंगों के जाने के बाद उनकी हिफाजद करने वाला नहीं बचेगा।

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