छत्तीसगढ

सप्रे मैदान व दानी स्कूल मैदान को छोटा करने के खिलाफ आंदोलन को विकसित करने बनी रणनीति, रविवार को घर के सामने तख्तियां लेकर करेंगे विरोध प्रदर्शन

रायपुर, 9 जून। सप्रे मैदान व दानी स्कूल मैदान को बुढ़ापारा सौंदर्यीकरण के नाम पर छोटा करने के खिलाफ नागरिकों के आंदोलन को और विकसित करने के उद्देश्य से आज आंदोलनकारियों की संपन्न हुई बैठक में विस्तृत रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। उल्लेखनीय है कि बुढ़ापारा सौंदर्यीकरण के नाम पर सप्रे स्कूल व दानी स्कूल के मैदान के ऐतिहासिक स्वरूप को नष्ट करने के प्रयासों के खिलाफ विगत कई दिनों से रायपुर के प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा व्यापक आंदोलन चलाया जा रहा है। इस आंदोलन के समर्थन में नागरिकों के मध्य जारी व्यापक हस्ताक्षर अभियान को भी जनता के हर हिस्से से भारी समर्थन प्राप्त हो रहा है प्रदेश के जाने माने इतिहास के सेवानिवृत्त प्राध्यापक रवींद्र मिश्र ने भी इस आंदोलन के साथ अपनी एकजुटता का इजहार किया है और इन ऐतिहासिक धरोहरों के साथ छेड़छाड़ पर रोष व्यक्त किया है। बंजारी रोड व्यापारी संघ ने संघर्ष समिति को अपना पूर्ण समर्थन दिया बंजारी रोड व्यापारी संघ के अध्यक्ष लालचंद गुलवानी उपाध्यक्ष अनिल जैन एवं सचिव विनोद साहू ने भी अभियान में अपने हस्ताक्षर दिए। आंदोलनकारियों की ओर से डाक्टर अजित डेग्वेकर, धर्मराज महापात्र, विश्वजीत मित्रा, निश्चय वाजपेई, राजू कदम, दीपक शर्मा, शाहिद मोहम्मद ने कहा कि आंदोलन के भावी स्वरूप के लिए आज आयोजित बैठक में नागरिकों ने इस बात पर गहरा रोष व्यक्त किया कि शिक्षा व खेल मैदान के लिए दान में प्राप्त हुई जमीनों का अन्य प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जा रहा है। विदित हो कि दानी स्कूल व कन्या महाविद्यालय की जमीन भोसले राजाओं की ओर से दुधाधरी मंदिर को दान में दी गई थी और दुधाधारी मंदिर की ओर से यह जमीन शिक्षण संस्थानों के लिए दान में दी गई, दानी स्कूल के निर्माण के लिए दिवंगत जगन्नाथ दानी जी ने दान दिया जिससे शाला का निर्माण हुआ। इसके पूर्व भी इन जमीनों को सड़क निर्माण के लिए लिए गए है। अब पुनः इसके मैदान पर हमला हो रहा है जबकि इसके लिए जमीन के प्रयोजन में बदलाव के लिए किसी स्तर पर कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई, न ही दावे आपत्ति मांगे गए। जबकि शाला व मैदान लिए आरक्षित जमीन के किसी भी अन्य प्रयोजन के लिए उपयोग वर्जित है । यहां तक कि मास्टर प्लान में भी यह स्थल खेल व शिक्षण क्षेत्र के रूप में आरक्षित है। नागरिकों ने इस बात पर गहरी नाराजगी का इजहार किया कि पूर्व में भाजपा सरकार ने यह कृत्य किया था जिसका जनता ने जवाब दिया अब कांग्रेस की सरकार यह कर रही है याने दोनों पार्टियां जनता के हितों से खिलवाड़ कर रही है। जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। नागरिकों ने इस योजना को सार्वजनिक किए जाने जी मांग को स्वीकार कर जनता के मध्य पूरी योजना को सार्वजनिक किए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि अब इस पूरी योजना पर जनता की राय लिए बिना तथा इस पूरे निर्माण के लिए आवश्यक सभी विभागों की मंजूरी लिए बिना आगे न बढ़ने की मांग की । बैठक में यह फैसला लिया गया कि इन दोनों मैदानों की हिफाजत के लिए आगामी रविवार को सुबह 10:30 से 11 बजे के मध्य सप्रे स्कूल व दानी स्कूल के आस-पास रहने वाले निवासियों की ओर से सामाजिक दूरी के नियमों तथा तालाबंदी के नियमों का पालन करते हुए अपने घरों के सामने तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन संगठित किया जाएगा। बैठक में यह भी तय किया गया कि नगर के एक लाख लोगो से हस्ताक्षर एकत्र किया जाएगा। इस पूरे अभियान के पक्ष में ट्रेड यूनियनों, लेखकों, पत्रकारों, रंगकर्मियों, व्यापारी संगठनों, प्रदेश के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, नागरिक संगठनों, पूर्व छात्राओं से मिल रहे समर्थन के लिए संघर्ष समिति ने कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि रायपुर की आम जनता की इस अभूतपूर्व एकजुटता के स्वर का सम्मान करते हुए प्रदेश सरकार और प्रशासनिक अधिकारियो को अपनी हठधर्मिता त्यागकर जनता के विचारो के अनुरूप ही योजना का अमल कर वर्तमान में चल रहे किसी भी निर्माण कार्य पर तत्काल रोक लगनी चाहिए।

 

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