National Level : डिजिटल तकनीक इस्तेमाल के लिए CG को मिली एक और उपलब्धि
रायपुर, 24 फरवरी। National Level : छत्तीसगढ़ में शैक्षणिक गतिविधियों को तकनीक के माध्यम से सहज बनाने के लिए राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर एक और उपलब्धि हासिल हुई है।
इंडियन एक्सप्रेस समूह द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग को डिजिटल टेक्नॉलाजी सभा-2022 अवार्ड से नवाजा गया है। यह अवार्ड स्कूली बच्चों के शैक्षणिक आंकलन के लिए एनआईसी के सहयोग से विकसित एनक्लियर एप्प तथा टेली प्रेक्टिस एप्प के उपयोग लिए दिया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा उपयोग में लाए जा रहे उक्त दोनों एप्प के माध्यम से स्कूली बच्चों सहजता से आंकलन एवं मॉनिटरिंग की जा सकती है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने देश में स्थापित की अपनी पहचान
यहां उल्लेखीय है कि कोरोना संकटकाल के दौरान शिक्षा में नवाचार एवं डिजिटल टेक्नॉलाजी के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने पूरे देश में अपनी एक पहचान कायम की है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कोरोना संकटकाल के दौरान स्कूली बच्चों को घर बैठे शिक्षा उपलब्ध कराने की तकनीक को देश ने सराहा है। पढई तुंहर दुआर को इस हेतु राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं।
इसी कड़ी में आज स्कूल शिक्षा विभाग को इंडियन एक्सप्रेस समूह द्वारा आयोजित डिजिटल टेक्नॉलाजी सभा अवार्ड 2022 से सम्मानित किया गया। यह अवार्ड राज्य में एक वर्चुअल सम्मेलन में एन.आई.सी. के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक ए.के. सोमशेखर द्वारा उनकी टीम की उपस्थिति में ग्रहण किया गया। यह पूरा कार्य प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग डॉ. आलोक शुक्ला और सचिव स्कूल शिक्षा विभाग डॉ. कमलप्रीत सिंह के मार्गदर्शन में किया गया है।
एनक्लियर तथा टेली प्रेक्टिस एप्प इस तरह करते काम
छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में दो आंकलन टूल एनक्लियर एवं टेली-प्रेक्टिस एप्प की शुरुआत की गई। इनमे से एक टूल एनक्लियर में बच्चों को उनके आईडी के साथ एक क्यूआरकोड कार्ड दिया जाता है, जिसका सालभर का 40 विद्यार्थियों पर व्यय मात्र 20 रूपए आता है। बच्चों को इस कार्ड को अपने पास सुरक्षित रखना होता है।
एनक्लियर एप्प का सबसे ((National Level)) बड़ा फायदा यह है कि कक्षा में शिक्षकों द्वारा बहुविकल्पीय प्रश्न पूछने पर बच्चों को सही उत्तर के आधार पर कार्ड को एक विशेष दिशा में पकड़कर प्रदर्शित करना होता है। शिक्षक द्वारा अपने मोबाइल कैमरे से कक्षा में एक जगह से सभी बच्चों के कार्ड को दूर से ही स्केन कर लिया जाता है।
स्केन करते ही विद्यार्थियों का अपने आप आकलन हो जाता है और प्रश्नवार, विद्यार्थीवार रिपोर्ट शिक्षक एवं विभिन्न स्तरों पर देखी जा सकती है। इसमें शिक्षकों को प्रत्येक प्रश्न के उत्तर को जांचने एवं अंक देने के झंझट से मुक्ति मिलती है।
इस तरह विद्यार्थियों के आकलन का दूसरा एप्प जिसे एनआईसी ने विकसित किया है, वह है-टेली-प्रेक्टिस। इसके माध्यम से बच्चों के साथ मौखिक क्विज का आयोजन किया जा सकता है। इसके लिए टेलीग्राम ग्रुप में विद्यार्थियों को जोड़कर पायथोन नामक कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को वोयस मैसेज भेजकर और स्क्रीन पर चित्र एवं लिखित प्रश्न भेजा जाता है।
इन प्रश्नों के मौखिक जवाब विद्यार्थियों द्वारा दिया जाता है। जिसे इस कार्यकम में एक साथ के विद्यार्थियों के उत्तरों को एक फिल्म के रूप में व्यक्तिगत विद्यार्थियों, उनके शिक्षकों एवं पालकों द्वारा देखा जा सकता है।
शिक्षकों एवं विद्यार्थियों दोनों का बचता है समय
शिक्षक विद्यार्थीवार वीडियो देखकर प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के आधार पर अंक दे सकते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से एक साथ बहुत से विद्यार्थियों से सवाल करते हुए उनसे एक ही समय में उतर देने का प्रावधान होने से शिक्षकों एवं विद्यार्थियों दोनों का समय बचता है।
शिक्षकों को प्रत्येक विद्यार्थी की स्थिति की जांच करने में भी आसानी होती है और समय बचता है। इस प्रकार के आकलन के सप्रमाण होने से गलत आंकलन की संभावनाओं से भी बचा जा सकता है। प्रत्येक विद्यार्थी को उनके उत्तरों के आधार पर उनका अपना वीडियो प्रश्न और उत्तर के साथ देखने का अवसर मिलता है। इन सबसे शिक्षकों का कार्य बहुत आसान हो जाता है।
दोनों एप्प को शिक्षा विभाग (National Level) के लिए विकसित करने का कार्य एनआईसी के वरिष्ठ तकनीकी संचालक सोम शेखर के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा किया गया है। अवार्ड वितरण के अवसर पर छत्तीसगढ़ एनआईसी के राज्य सूचना अधिकारी डॉ. ए. के. होता, एन.आई.सी के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक ए.के. सोमशेखर, सहायक संचालक समग्र शिक्षा डॉ. एम. सुधीश एवं वैज्ञानिक-‘बी’, एन.आई.सी ललिता वर्मा उपस्थित थीं।