CG Vidhansabha : खाद्य, संस्कृति एवं योजना सांख्यिकी विभागों के लिए 2655 करोड़ रूपए की अनुदान मांगे पारित
रायपुर, 16 मार्च। CG Vidhansabha : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से संबंधित विभागों के लिए 2654 करोड़ 99 लाख 67 हजार रूपए की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी गई। इनमें खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग से संबंधित व्यय के लिए 2548 करोड़ 46 लाख 80 हजार रूपए, संस्कृति विभाग के लिए 52 करोड़ 45 लाख 89 हजार रूपए और योजना, आर्थिक तथा सांख्यिकी विभाग के लिए 54 करोड़ 6 लाख 98 हजार रूपए का बजट प्रावधान शामिल है।
मंत्री भगत ने सदन (CG Vidhansabha) में बजट भाषण में कहा कि छत्तीसगढ़ धान का कटोरा के नाम से जाना जाता है। यहां बड़ी संख्या में लोग कृषि पर आश्रित है। छत्तीसगढ़ सरकार किसान हितैषी सरकार है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में किसान हितैषी नीतिगत निर्णयों के कारण किसानों को उनके उपज का वाजिब कीमत मिला।
इसी का परिणाम है कि खेती-किसानी लाभकारी बना और राज्य में साल दर साल धान खरीदी का रिकार्ड बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में प्रदेश के किसानों से लगभग 98 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी सुगमतापूर्वक की गई है। धान खरीदी के एवज में 19 हजार 36 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है।
भगत ने सदन में कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के गरीबों, पिछड़ों और प्राथमिकता वाले परिवारों के साथ-साथ सामान्य वर्ग के परिवारों को खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से काम कर रही है। प्रदेश में युनिवर्सल सार्वजनिक वितरण प्रणाली लागू किया गया है। राज्य के 25 जिलों में राशन कार्डधारी कही भी अपनी पसंद की राशन दुकानों से राशन प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दीन-दुखियों, गीरबों, पीड़ितो के सेवा में तत्पर है। कोरोना महामारी के समय खाद्य विभाग ने सक्रियता के साथ जनहित में कार्य किया। प्रवासी मजदूरों सहित ग्रामीणों, गरीबों, मजदूरों को 11 माह तक निःशुल्क राशन का वितरण किया गया।
मंत्री भगत ने सदन (CG Vidhansabha) में कहा कि प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति एवं परंपरा सहित पुरखों के धरोहरों को संरक्षण और संवर्धन करने का काम कर रही है। प्रदेश में फिल्म उद्योग से जुड़े निर्माता, निर्देशकों, कलाकारों, टेक्नीशियनों तथा स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने और स्थानीय कला-संस्कृति को सहेजने के उद्देश्य से नई फिल्म नीति 2021 लागू करने का बड़ा काम किया है।