रायपुर, 23 अप्रैल। Malaria Day : विश्व में 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, भारत सरकार द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है।
केेन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा 25 अप्रैल को नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ राज्य को प्रदेश में मलेरिया के मामले में आए गिरावट के लिए सम्मानित किया जाएगा।
छत्तीसगढ़, देश के उन राज्यों में से एक है जो मलेरिया उन्मूलन के क्षेत्र में पूरे देश में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर श्रेणी-3 से सीधे श्रेणी-1 में पहुँच गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव (Malaria Day) ने इस उपलब्धि पर स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी है।
छत्तीसगढ़,भारत के उन राज्यों में से एक है, जो मलेरिया उन्मूलन के क्षेत्र में पूरे देश में सबसे बढ़िया प्रदर्शन करके श्रेणी-3 से सीधे श्रेणी-1 में पहुँच गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने इस उपलब्धि पर स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है। छत्तीसगढ़ को विभिन्न क्षेत्रों में केंद्र सरकार से पुरस्कार मिलने का सिलसिला जारी है। स्वच्छता अभियान , ग्रामीण विकास समेत ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यों के के लिए छत्तीसगढ़ को पहले ही सम्मानित किया जा चुका है।
कुल 87 लाख 84 हजार 271 लोगों की मलेरिया जांच
छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा जनवरी-फरवरी-2020 में बस्तर संभाग के सातों आकांक्षी जिलों में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का पहला चरण संचालित किया गया था। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की सफलता को देखते हुए इसे पूरे छत्तीसगढ़ को मलेरिया मुक्त करने के लिए मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान की शुरूआत की गई है । अब तक राज्य में बस्तर संभाग में इस अभियान के 5 चरण और अन्य संभागों में 2 चरण संचालित किए गए हैं। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के 5 चरणों में अब तक प्रदेश में कुल 87 लाख 84 हजार 271 लोगों की मलेरिया जांच की गई है। अभियान से मलेरिया के मामलों में छत्तीसगढ़ में 62.5 फीसदी की गिरावट आई है, वहीं राज्य में मलेरिया टेस्ट पॉजिटिविटी दर क्रमशः 4.60 प्रतिशत से घटकर 0.79 फीसदी पर आ गई है।
दुर्गम एवं दूरस्थ इलाकों में की जांच
इन अभियानों में मितानिनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की तरफ से घने जंगलों और पहाड़ों से घिरे बस्तर के पहुंच विहीन, दुर्गम एवं दूरस्थ इलाकों में घर-घर पहुंचकर सभी लोगों की आरडी किट से मलेरिया की जांच की गई है । पॉजिटिव पाए गए लोगों को लोकल लेवल पर उपलब्ध खाद्य पदार्थ खिलाकर तुरंत मलेरिया के इलाज के लिए दवा का सेवन चालू किया गया है । मितानिनों की निगरानी में उन्हें दवाईयों की पूरी खुराक दी गई है । अभियान के दरमियान हर घर और हर व्यक्ति की जांच सुनिश्चित करने के लिए घरों में स्टीकर चस्पा कर जांच किए गए लोगों के पैर के अंगूठे में निशान लगाकर पहचान की गई है।
मलेरिया के मरीजों की तादाद में आई बड़ी कमी
मलेरिया मुक्त (Malaria Day) छत्तीसगढ़ अभियान के प्रभाव से एपीआई मतलब प्रति एक हजार की आबादी में सालाना मिलने वाले मलेरिया के मरीजों की तादाद में बड़ी कमी आई है। छत्तीसगढ़ में साल 2018 में मलेरिया एपीआई जहां 2.63 थी वह साल 2021 में घटकर 0.92 रह गई है। अभियान से मलेरिया उन्मूलन के साथ ही एनीमिया और कुपोषण को खत्म करने और शिशु व मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में मदद मिली है।