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Chandra Grahan 2021: कब और कितने बजे लगेगा साल का अंतिम चंद्र ग्रहण, जानें- सूतक काल के बारे में

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर। ग्रहण के लिहाज से नवंबर और दिसंबर महीने बेहद अहम होने जा रहा है। जहां 15 नवंबर को चंद्र ग्रहण होगा, तो अगले महीने 4 दिसंबर को सूर्य ग्रहण लगेगा। सबसे पहले बात 15 नवंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण की। क्या दिल्ली-एनसीआर में चंद्र ग्रहण दिखाई देगा? और क्या सूतक काल होगा? यहां पर हम दे रहे हैं 15 नवंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण के बारे में पूरी जानकारी।

कितने बजे लगेगा चंद्र ग्रहण

गौरतलब है कि चंद्र ग्रहण आगामी 19 नंवबर को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को सुबह 11 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और फिर शाम 5 बजकर 33 मिनट पर समापन होगा।

क्या दिल्ली-एनसीआर में देगा दिखाई?

विज्ञानियों के मुताबिक, 19 नवंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण अमेरिका के अलावा, आस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया और उत्तरी यूरोप में दिखाई देगा। दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में यह चंद्र ग्रहण नहीं दिखाई देगा। कहा जा रहा है कि पूर्वोत्तर के राज्यों असम और अरुणाचल प्रदेश में कुछ पल के लिए चंद्र ग्रहण दिखाई देगा, लेकिन यह आंशिक ही होगा।

नहीं लगेगा सूतक काल

दिल्ली-एनसीआर समेत समूचे उत्तर भारत में 19 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा। ऐसे में भारत में सूतक काल भी नहीं होगा। ज्योतिषियों के अनुसार, सूतक काल वह स्थिति होती है जब प्रकृति अत्याधिक संवेदनशील अवस्था में होती है, मसलन सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दौरान। ज्योतिषियों का मानना है कि सूतक काल के दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किए जाने चाहिए। सूर्य और चंद्र ग्रहण के दौरान भारत में मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। सूतक में ईश्वर भजन करना ही श्रेयस्कर माना जाता है। खाना बनाना और खाना खाना भी वर्जित होता है। ऐसी मान्यता है कि सूर्य या फिर चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान परेशानी में होते हैं। ऐसे में धरती पर लोगों को मानसिक पूजा करनी चाहिए। खाने-पीने से भी दूर रहना चाहिए। खासकर ग्रहण के समय में गर्भवती महिलाओं को खास रूप से सावधानियां बरतनी चाहिए।

बता दें कि अगले महीने 4 दिसंबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण में भी सूतक काल मान्य नहीं होगा। यह सूर्य ग्रहण उपछाया ग्रहण होगा। ऐसे में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्ण ग्रहण होने पर ही सूतक काल मान्य होता है। आंशिक या उपछाया होने पर सूतक नियमों का पालन अनिवार्य नहीं होता है।

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