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Partha Chatterjee : गिरफ्तारी मेमो में ‘दीदी’ का नाम और मोबाइल नंबर का जिक्र

कोलकाता, 25 जुलाई। Partha Chatterjee : पश्चिम बंगाल की राजनीति में इस समय भूचाल मचा हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में राज्य के उद्योग और वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की भी गिरफ्तारी हुई थी।

इस मामले में एक और खबर सामने आई जब कई गिरफ्तारी के बाद कई बार संपर्क करने पर भी पार्थ चटर्जी मुख्यमंत्री से संपर्क नहीं कर पाए। इसी बीच बताया गया कि इसके बावजूद (Partha Chatterjee) भी उनकी गिरफ्तारी मेमो में ममता बनर्जी का नाम और मोबाइल नंबर मिला है।

चटर्जी के लिए ममता ही उम्मीद की किरण!

दरअसल, शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्थ चटर्जी से उनकी पार्टी ने भले ही दूरी बना ली हो, लेकिन चटर्जी के लिए तृणमूल सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभी भी उम्मीद की किरण बनी हुई हैं और इसीलिए उनके गिरफ्तारी मेमो में ममता का जिक्र किया गया है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने यह जरूर कह दिया कि इस पूरे मामले की जिम्मेदारी पार्थ चटर्जी के पास है ना कि पार्टी के पास है।

गिरफ्तारी मेमो में ममता बनर्जी का जिक्र

असल में किसी की भी गिरफ्तारी करते समय प्रवर्तन निदेशालय एक अरेस्ट मेमो जारी करने की प्रक्रिया का पालन करती है। उस प्रक्रिया में जिस व्यक्ति को गिरफ्तार करती है उसका नाम और संपर्क नंबर रहता है। साथ ही में जिसे वह हिरासत में रहते हुए संपर्क करना चाहेगा उस व्यक्ति का भी नाम और संपर्क नंबर का विवरण का उल्लेख अरेस्ट मेमो में किया जाता है। और पार्थ चटर्जी ने अरेस्ट मेमो में ममता बनर्जी के नाम और मोबाइल नंबर का उल्लेख किया हुआ है।

कोशिश के बाद भी नहीं हो पाया संपर्क

हालांकि इससे पहले एक दिलचस्प घटनाक्रम में जब पार्थ चटर्जी को अरेस्ट किया गया तो बाद में मेडिकल चेकअप के लिए ले जाने के दौरान चटर्जी ने कह दिया कि मैंने कोशिश की लेकिन मैं अभी तक अपनी शीर्ष नेता ममता बनर्जी से संपर्क नहीं कर पाया हूं। सूत्रों के मुताबिक पार्थ चटर्जी ने ममता को कई बार फोन किया लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

पार्टी ने स्पष्ट कर दिया अपना रुख

उधर इस पूरे मामले के बाद तृणमूल कांग्रेस (Partha Chatterjee) के चार शीर्ष नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और घोषणा की कि पूरे मामले की जिम्मेदारी चटर्जी के पास है, ना कि पार्टी पर है। पार्टी नेतृत्व की तरफ से यह भी स्पष्ट किया कि अगर चटर्जी जांच के अंत में दोषी पाए जाते हैं, तो वह उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने से नहीं हिचकेंगे।

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