रायपुर, 6 मई। Prajapita Brahma Kumari : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा चौबे कालोनी में आयोजित समर कैम्प के तीसरे दिन यातायात नियमों की जानकारी देेते हुए यातायात प्रशिक्षक टी. के. भोई ने कहा कि आने वाले दिनों में सड़कों में जगह की कमी ट्रैफिक की सबसे बड़ी समस्या बनने वाली है। क्योंकि सड़कों का विकास उस अनुपात में नहीं हो रहा है जिस अनुपात में गाडिय़ों की संख्या बढ़ रही है। दुर्घटनाओं के कारण अकेले छत्तीसगढ़ में पिछले एक साल में चार हजार से अधिक लोग में मारे गए। पूरे देश में यह संख्या डेढ़ लाख के करीब है। इस प्रकार प्राकृतिक आपदाओं से भी ज्यादा लोग प्रतिदिन दुर्घटनाओं में मारे जा रहे हैं।
उन्होंने बतलाया कि लोगों की मृत्यु (Prajapita Brahma Kumari) का पांचवा सबसे बड़ा कारण सड़क दुर्घटना है। मरने वालों में अस्सी प्रतिशत संख्या युवाओं की होती है। इन दुर्घटनाओं से देश को प्रतिवर्ष लगभग अस्सी हजार करोड़ रूपयों का नुकसान होता है जो कि सकल विकास दर (जीडीपी) के दो प्रतिशत के बराबर है। उन्होंने कहा कि रायपुर में हर महिने हजारों की संख्या में नई गाडिय़ाँ पंजीकृत होती हैं। किन्तु सड़कों की संख्या ज्यों की त्यों बनी हुई हैै। अगर यही हाल रहा तो कुछ दिनों में सड़कों पर चलने के लिए जगह नहीं बचेगी। उन्होंने बतलाया कि ज्यादातर दुर्घटनाएं चालक की लापरवाही से होती है।
यदि चालक अच्छा हो और वह यातायात नियमों का पालन करता हो तो दुर्घटनाओं की सम्भावना कम हो जाती है। दुर्घटनाओं से बचने के लिए हमें यातायात संकेतों का ज्ञान होना जरूरी है। उन्होंने विस्तार से बच्चों को ‘प्रोजेक्टर’ के माध्यम से यातायात संकेतों का परिचय दिया तथा उनका पालन करने की नसीहत दी। उन्होंने बतलाया कि यह संकेत संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों में एक समान होते हैं। उन्होंने कहा कि सड़क पार करने के लिए जेब्रा कासिंग का ही उपयोग करना चाहिए। आधी सड़क दाँयी ओर देखते हुए और शेष आधी सड़क बाँयी ओर देखते हुए पार करना चाहिए।
जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ें, निश्चित रूप से प्रगति होगी : ब्रह्माकुमारी नीलम दीदी
इसके बाद अन्य सत्र में ब्रह्माकुमारी नीलम दीदी ने जीवन का उद्देश्य विषय पर बोलते हुए कहा कि लक्ष्य निर्धारित कर उसे प्राप्त करने के लिए अधिकतम प्रयास करने से सफलता निश्चित है। हमारे अन्दर भरपूर आत्मविश्वास हो तो लक्ष्य तक पहुंचने से हमें कोई नहीं रोक सकता है। लक्ष्य पर टिके रहना है कहीं ऐसा न हो कि हमारा लक्ष्य साल दर साल बदलता रहे। उन्होंने कहा कि आप जैसे भी हो लम्बे हो, ठिगने हो, गोरे हो अथवा काले हो।
सदैव यह समझो कि आप बहुत (Prajapita Brahma Kumari) अच्छे हो। आप युनिक हो। आपके जैसा दुनिया में दूसरा कोई नहीं है। इसलिए हमें कभी भी अपनी तुलना किसी अन्य व्यक्ति से नहीं करना चाहिए। तुलना करने सेे हीन भावना आ जाती है। बल्कि यह सोचो कि आप श्रेष्ठ हो। हरेक व्यक्ति में कुछ न कुछ विशेषताएं जरूर होती हैं। बिना विशेषता के कोई व्यक्ति नहीं होता। अपनी उसी विशेषता के दम पर आगे बढऩे का पुरूषार्थ करना चाहिए।